what is website example




Website किसी Internet के Server पर पड़ी हुई ऐसी Files के समूह को कहते है जो आपस में जुड़ी (Inter Linked) होती है तथा आवश्यकता पड़ने पर यह Web User  को उपलब्द करायी जाती है | Web  पर हर एक Website का एक Unique Address या नाम होता है जिसकी मदद से उस तक पंहुचा जा सकता है | किसी भी
Website के Address को Uniform Resource Locator (URL) कहते है | उदाहरड़ के लिए --- गूगल जैसे प्रसिद्ध सर्च इंजन का URL या Website Address http://www.google.com है |
वेब पेज (WEB PAGE) :-
Website दरअसल में कई Files का समूह होती है इन्हीं Files को Web Page के नाम से जाना जाता है | किसी भी Website में एक या एक या से अधिक Web Page होते है | Web Pages की डिज़ाइन करने के लिए HTML या Java जैसी Language का प्रयोग किया जाता है | किसी भी Website के प्रथम Page को जोकि Website का एक प्रमुख Page होता है, उस Website का Home Page कहते है | जब भी किसी Website को खोला जाता है तो सबसे पहले उसका Home Page ही दिखाई देता है
 वेब पोर्टल (WEB PORTAL ) :-
जिन Website  में दूसरी अन्य Website का Reference दिया होता है, उन्हें Web Portal कहा जाता है उदाहरड़ के लिए www.rediff.com, www.yahoo.com आदि
  वेब एड्रेस (WEB ADDRESS  ) :-
WEB ADDRESS किसी WEBSITE का UNIQUE नाम होता है जिसकी मदद से उस WEBSTIE को INTERNET पर पहचाना जाता है | इस WEB ADDRESS को UNIFORM RESOURCE LOCATOR या URL भी कहा जाता है | किसी भी URL में निम्लिखित तत्व होते है जिनकी मदद से किसी WEBSITE के पुरे INTERNET ADDRESS को पहचाना जाता है ---

1.     SERVER द्वारा प्रयोग किये जाने वाले PROTOCOL का नाम; जैसे ---- HTTP, FTP आदि
2.     INTERNET के WEB SERVER का नाम; जैसे ---- WWW. 
3.     WEBSITE का नाम; जैसे ----- GOOGLE. 
4.     WEBSITE के DOMAIN का नाम; जैसे ---- COM. 
किसी भी WEBSITE का पूरा नाम अथबा URL इन सभी भागो के बीच में डॉट (.) लगाकर उन्हे जोड़ने से बनता है | सिर्फ PROTOCOL के नाम के बाद COLON (:) तथा FORWORD SLASHES (//) लगाये जाते है | उदारहड के लिए---- 
कुछ प्रमुख डोमेन्स (FEW IMPORTANT DOMAINS  ) :-
इनइन Domain को Top Level Domain (TLD) भी कहा जाता है | कुछ प्रमुख TLD निम्लिखित है----

इन TLDs के अतिरिक्त आजकल देश का नाम बनाने के लिए दो अक्छरो का संछिप्त नाम ही URL में जोड़ा जाता हैउदाहरड़ के लिए, WWW.YAHOO.CO.IN यहां  .in से पता चलता है की इस URL से YAHOO का जो SERVER है | कुछ देशो के नामो को REPRESENT करने वाले संछिप्त नाम निम्न है | ----

नाम रखने की विधि जिससे की SERVER को पहचानते है, उसे DOMAIN NAME SYSTEM अथार्त DNS कहा जाता है | दरअसल DOMAIN NAME SYSTEM उस सिस्टम को कहते है जो INTERNET पर DOMAIN NAME और उससे सम्बंधित IP ADDRESS को STORE रखता है| हर बार जब भी WEB USER द्वारा कोई  DOMAIN NAME दिया जाता है तो DNS SERVER उस NAME को सम्बंधित IP ADDRESS में TRANSLATE कर DATA को सही COMPUTER तक पंहुचा देते है
  (IP - ADDRESS  ) :-
 Postal System की तरह से ही Internet में भी Data की किसी खास जगह भेजने आदि के लिये Addressing System का प्रयोग किया जाता है
यही Addressing System ही IP Address कहलाता है | IP ADDRESS, INTERNET PROTOCOL STANDARD की मदद से एक COMPUTER द्वारा दूसरे COMPUTER को पहचानने और उससे COMMUNICATE करने के लिए इस्तेमाल होने वाले एक UNIQUE ADDRESS को कहते है
कोई भी IP ADDRESS नम्बरों के चार समूहों से मिलकर बना होता है| ये सभी चारो समूह आपस में एक डॉट (.) की मदद से जुड़े होते है | ये नंबर '0' से '255' तक कोई भी नंबर हो सकते हैउदाहरड़ के लिए 205.204.134.10 आमतौर इन IP ADDRESS का पहला हिस्सा NETWORK को पहचानने के लिये होता है तथा अंतिम हिस्सा किसी COMPUTER विशेष को पहचानने के लिए होता है
 चूकि इन नुम्बरो को यद् करना बहुत ही कठिन होता है अत: INTERNET पर इनकी जगह TEXT आधारित नाम तैयार किया गया है जो की IP ADDRESS का प्रतिनिधित्व करता है | IP ADDRESS का TEXT VERSION ही URL कहलाता है | निम्न POINT 23.8 में IP ADDRESS एंव DOMAIN NAME को दिखया गया है| -----------

1.     IP ADDRESS -------- 104.81.200.67 
2.     DOMAIN NAME ------- WWW.GOOGLE.COM 


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