computer ke main unit kya hai hindi me jane 2019



• Main parts of System Unit
Mother Board:- Mother Board वास्तव में किसी भी कंप्यूटर की बुनियाद होता है, इसीलिए इसे Main Board या System Board भी कहा जाता है | Mother Board किसी भी कंप्यूटर सिस्टम से जुड़े विभिन्न उपकरड़ो को नियनित्रत करता है | इसी में CPU (Central Processing Unit ), Display Card, Sound Card, Ram, Rom आदि स्थापित किये जाते है | पहले Mother Board में Display Card, Sound Card आदि अलग से लगाने पड़ते थे, परन्तु आजकल के Mother Board में सभी कुछ Inbuilt ही आ रहे है |
Central Processing Unit (CPU):- CPU को processor या Micro processor भी कहा जाता है| वास्तव में CPU ही Computer का दिमाग कहा जाता है | किसी भी Computer System से जुड़े हुए ज्यादातर उपकरड किसी कार्य को करने के लिए CPU से ही Communicate करते है | किसी भी CPU की Processing Speed Hertz में नापी जाती है | CPU की Processing Speed पर ही Computer की गति निर्भर करती है अर्थार्त CPU की Processing स्पीड जितनी अधिक होगी Computer उतनी ही तेजी से कार्य करेगा |
मुख्य तोर पर C.P.U के निम्न तीन भाग होते है |
• Main Memory
• Arithmetic & Logic Unit
• Control Unit
• Main Memory :- किसी भी C.P.U. की Main Memory, Compter System में Use हो रहे Data या Instructions को Store करती है |
• Arithmetic & Logic Unit (A.L.U.):- Arithmetic & Logic Unit (A.L.U.) में C.P.U. के लिए सभी प्रकार की अंकगडितीय क्रियाओ (जोड़ना, घटना, गुडा, करना तथा भाग देना ) और तुलनाएँ (दो संख्याओं में यह बताना की कौन सी सी छोटी या बड़ी है अथबा दोनों बराबर है ) की जाती है| यह Unit कई ऐसे इलेक्ट्रॉनिक सर्किटों से बनी होती है | जिसमे एक और से कोई दो सख्याएँ भेजने पर दूसरी और से उनका योग अन्तर गुडनफल या भागफल प्राप्त हो जाता है | इसमें सारि क्रियाएँ बाइनरी प्रदति में की जाती है| प्राप्त होने बाली संख्याओं तथा क्रियाओं के परिडामो को अस्थायी रूप से स्टोर करने या रखने के लिए इसमें कई विशेष बाईटे होती है, जिन्हे रजिस्टर (Registers) कहा जाता है |
• Control Unit :- जैसी कि नाम से स्पस्ट है यह Unit Computer के सभी भागो को Control या नियतिन्त्र करता है और उनमे परस्पर तालमेल बिठाने के लिए उचित निर्देश देता है | इसका सबसे प्रमुख और पहला कार्य यह है की User जिस प्रोग्राम का पालन करना चाहते है यह उसे मेमोरी में से क्रमश: पढ़कर उसका विश्लेषड़ (Analysis) करता है और उसका पालन कराता है | किसी आदेश का पालन सुनिशिचत करने के लिए वह कंप्यूटर के दूसरे सभी भागो को उचित निर्देश जारी करता है | उदाहरड के लिए, मेमोरी को आदेश दिया जा सकता है की वह कोई डाटा किसी विशेष स्थान पर स्टोर कर दे या वहाँ से उठाकर A.L.U. में भेज दे | कंप्यूटर के सभी भागो में तालमेल बनाकर प्रोग्रामो का ठीक -ठीक पालन कराना इसी इकाई की जिम्मेदारी है | इस प्रकार C.P.U. की सभी इकाइयों द्वारा सापसी सहयोग से User द्वारा बताये गये कार्य किये जाते है | इसके लिए जब भी किसी इनपुट की आवश्यकता होती है , वह किसी Input Device से ले लिया जाता है और जो परिडाम या सन्देश आते है, उन्हे किसी Output Device को भेज दिया जाता है
• Random Access Memory (RAM):- RAM एक अस्थायी या Volatile Memory है अथार्त विधुत सप्लाई बंद होने पर या किसी अन्य वजह से कंप्यूटर सिस्टम के बंद होने पर इसमें Store Data भी ख़त्म या erase हो जाती है | Mother Board में Ram को लगाने के लिए कम से कम दो Slots उपलब्ध होते है जिसमे हम अपनी आवयश्कतानुसार RAM लगा सकते है | जब Computer चालू किया जाता है तो कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम की Files,Hard Disk से RAM में आ जाती है तथा Computer चलाने तक यह RAM में ही रहती है, अर्थार्त Computer के चलने में RAM का एक बहुत ही महतपूड़ योगदान है | आदि RAM की छमता ज्यादा है तो वह एक साथ कई Programs को Load कर सकती है | चूकी Computer के बंद होते ही RAM में Store सभी Contents erase हो जाते है अत: भविष्य में इस्तेमाल हेतु Data को Save करना पड़ना है | RAM से सभी Contents को Hard Disk में Copy करने की प्रक्रिया को Saving कहते है|
• Read Only Memory (ROM):- ROM अर्थार्त रीड ओनली मेमोरी जैसा कि नाम से रहने पर भी रोम में सूचनाएँ संगृहीत रहती है , नस्ट नहीं होती | Rom , Mother Board के ऊपर लगी हुई एक Silicon Chip है जिसमे निर्माड के समय ही निर्देशो को store कर दिया जाता है | जब भी Computer को On किया जाता है | तब ROM में Store Instructions स्वत: ही क्रियां निवत हो जाते है | Computer को switch off करने पर भी ROM में Store Program नस्ट नहीं होता है | ROM में Stored यह स्थायी Program BIOS अर्थार्त Basic Input Output System के नाम से जाना जाता है |
• ROM भी कई प्रकार की होती है ; जैसे --- PROM (Programmable Read Only Memory), E-PROM (Erasable Programmable Read Only Memory), E-E-PROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory) |
इसका अध्ययन हम अगले अध्याय में विस्तार से करेंगे |

• Hard Disk Drive:-हार्ड डिस्क डाटा स्टोर करने की प्रमुख डिवाइस होती है | यह दूसरे डिस्क की तुलना में उच्च संग्रहड छमता विश्वसनीयता तथा तीर्व गति प्रदान करता है | चूकि ये डिस्क एक बॉक्स के अंदर Read and write head के साथ सील रहता है तो यह वातावरड तथा खरोच से भी सुरछित रहता है | रीड तथा राइट हेड डिस्क के किसी भी ट्रैक के किसी भी सेक्टर पर सीधे पढ़ तथा लिख सकता है जिससे डेटा को पड़ना या लिखना तेज गति से होता है | कंप्यूटर के अन्तगत इसी हार्ड डिस्क में सभी प्रोग्राम या डेटा इन्सटाल्ड (Installed) रहता है जिसका उपयोग हम अपनी जरुरत के अनुसार करते है | हार्ड डिस्क 10GB, 20GB , 40GB , 80GB आदि छमता में उपलब्ध है | ---------

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